वाह, दोस्त आप के द्वारा किया जा रहा ये प्रयास बेहद प्रशंसनीय है हर तस्वीर अपनी बातें कहने में सच्क्षम है यह ब्लॉग आगे बढ़ते हुए कुछ खास लोगों के बीच इक बेहतरीन मुकाम हासिल करेगा दोस्तों, अगर फोटोग्राफी को लेकर उन्माद देखना हो और समझने के लिये दिमाग पर जोर डालना चाहते हो तो इन तस्वीरों पर जोर दो जितनी बार देखोगे रहस्यमयी तस्वीरों से पर्दे खुद-बखुद उठते नजर आयेंगे पर उनको समझना आप का काम है, वैसे तो कोई भी तस्वीर बेकार नही होती समझने के ऊपर है उसमें उसे दिख क्या रहा है .........
पैसे की होड़ में जिंदगी बदल गई है आप बदल गए मै भी बदल गया, सोच भी बदल गई ,साथी भी बदल गये ,साथ ही समाज भी बदल गया रिश्ते नाते भी बदल गये अब तो रिश्तो -नातों की अहमियत, बुनियाद भी पैसों पर आ टिकी , किसको कितनी इज्जत ब्ख्शनी है उसके पैसे बताते है ,भावनाओं का मोल सिमट गया, मर गई आत्मा, सर्वनाश हो गया इन्सान का ,जिंदा है तो सिर्फ और सिर्फ उसकी लाश सुख की तलाश में पैसों के पीछे इस कदर पड़ गया इन्सान कि जैसे कोई दीवाना अपनी प्रियतमा के पीछे पड़ा हो , वह लक्ष्य विहीन होता जा रहा ,पैसे तो वह कमाता रहा पर खुद मरता रहाभावनाएं मरती रही ,जिंदगी चीत्कार मरती रही पर उसको तो अपने लिये समय नहीं दिल् को सुनने के लिये समय नहीं कमाने के चक्कर में और कमाने के चक्कर में अपने में अपने आप को भूल गया ,समाज को भूल गया , पड़ोसी को भूल गया , सुबह भूल गया और रात को भी भूल गया ,नहीं भूला तो सिर्फ और सिर्फ पैसा ,वह जल्दी सुबह निकलता है तो देर रात घर आता है जब सब सो जाते है यहाँ तक कि पने भी , जिनके सुख के लिये वह पैसे कमा रहा है वह भी सो जाते है फिर बीबी जगती है खाना खिला कर सो जाती है फिर वही सुबह सब अपने अपने काम पर , वह दिन दूर नहीं जब वो खुद उन अपनों को भूल जायेगा जिसके लिये व कमा रहा है, उनको पहचानना भी उसके लिये मुश्किल हो जायेगा ,और बच्चे भी अपने मां बाप को भी नहीं पहचान पाएंगे शायद हमारे आप के बीच बहुत जल्द ही येसी नौबत आने वाली है ...आखिर एसी जिंदगी किस काम की जिसमें ना अपने लिये समय हो और ना अपनों के लिये ,कबतक चलेगी येसी जिंदगी,पैसे की तलाश में सुख-चैन की तलाश में ,पड़ोसी को नीचा दिखने की तलाश में ,समाज में बड़ा बनने की तलाश में, नाम कमाने की तलाश में वह खुद ऊपर उठने के सिवाय नीचे और नीचे और बहुत नीचे गिरता चला जा रहा है और आदमी अपनों से किस तरह दूर और बहुत दूर होता चला जा रहा है शायद उसे पता ही नहीं ....
वाह, दोस्त आप के द्वारा किया जा रहा ये प्रयास बेहद प्रशंसनीय है
ReplyDeleteहर तस्वीर अपनी बातें कहने में सच्क्षम है यह ब्लॉग आगे बढ़ते हुए
कुछ खास लोगों के बीच इक बेहतरीन मुकाम हासिल करेगा
दोस्तों, अगर फोटोग्राफी को लेकर उन्माद देखना हो और समझने के
लिये दिमाग पर जोर डालना चाहते हो तो इन तस्वीरों पर जोर दो
जितनी बार देखोगे रहस्यमयी तस्वीरों से पर्दे खुद-बखुद उठते नजर आयेंगे
पर उनको समझना आप का काम है, वैसे तो कोई भी तस्वीर बेकार नही होती
समझने के ऊपर है उसमें उसे दिख क्या रहा है .........
पैसे की होड़ में जिंदगी बदल गई है आप बदल गए मै भी बदल गया, सोच भी बदल गई ,साथी भी बदल गये ,साथ ही समाज भी बदल गया रिश्ते नाते भी बदल गये अब तो रिश्तो -नातों की अहमियत, बुनियाद भी पैसों पर आ टिकी , किसको कितनी इज्जत ब्ख्शनी है उसके पैसे बताते है ,भावनाओं का मोल सिमट गया, मर गई आत्मा, सर्वनाश हो गया इन्सान का ,जिंदा है तो सिर्फ और सिर्फ उसकी लाश सुख की तलाश में पैसों के पीछे इस कदर पड़ गया इन्सान कि जैसे कोई दीवाना अपनी प्रियतमा के पीछे पड़ा हो , वह लक्ष्य विहीन होता जा रहा ,पैसे तो वह कमाता रहा पर खुद मरता रहाभावनाएं मरती रही ,जिंदगी चीत्कार मरती रही पर उसको तो अपने लिये समय नहीं दिल् को सुनने के लिये समय नहीं कमाने के चक्कर में और कमाने के चक्कर में अपने में अपने आप को भूल गया ,समाज को भूल गया , पड़ोसी को भूल गया , सुबह भूल गया और रात को भी भूल गया ,नहीं भूला तो सिर्फ और सिर्फ पैसा ,वह जल्दी सुबह निकलता है तो देर रात घर आता है जब सब सो जाते है यहाँ तक कि पने भी , जिनके सुख के लिये वह पैसे कमा रहा है वह भी सो जाते है फिर बीबी जगती है खाना खिला कर सो जाती है फिर वही सुबह सब अपने अपने काम पर , वह दिन दूर नहीं जब वो खुद उन अपनों को भूल जायेगा जिसके लिये व कमा रहा है, उनको पहचानना भी उसके लिये मुश्किल हो जायेगा ,और बच्चे भी अपने मां बाप को भी नहीं पहचान पाएंगे शायद हमारे आप के बीच बहुत जल्द ही येसी नौबत आने वाली है ...आखिर एसी जिंदगी किस काम की जिसमें ना अपने लिये समय हो और ना अपनों के लिये ,कबतक चलेगी येसी जिंदगी,पैसे की तलाश में सुख-चैन की तलाश में ,पड़ोसी को नीचा दिखने की तलाश में ,समाज में बड़ा बनने की तलाश में, नाम कमाने की तलाश में वह खुद ऊपर उठने के सिवाय नीचे और नीचे और बहुत नीचे गिरता चला जा रहा है और आदमी अपनों से किस तरह दूर और बहुत दूर होता चला जा रहा है शायद उसे पता ही नहीं ....
ReplyDeleteबेहद प्रशंसनीय
ReplyDeleteला-जवाब" जबर्दस्त!!
I like your works....!!! great man.
ReplyDeleteawsmm work....
ReplyDeletethe pic is cmpletely expressive....
realistic......... i have experienced or be part of such incidents........... but still..............
ReplyDeleteThis pic haunting me.............. I do not know why.............. might have done something wrong...........
ReplyDeleteSooo beautiful photographs Sumeet. God bless you. Keep it up.
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