समंदर की अथाह जलराशि हो, उबड़ -खाबड़, ऊँचे -नीचे पथरीले रास्ते हो य फिर विस्तृत अम्बर , मिथ्या भ्रम से दूर अडिग विश्वाश और अतुल साहस को फौलादी सीने में संसार सागर को सिर्फ और सिर्फ अकेले पार करने का जज्बा समेटे अहिस्ता -अहिस्ता तूफानों को चीरते आगे बढ़ने का सिलसिला जारी रखें और अपने जज्बातों को इन मूक,खामोश तस्वीरों से बयाँ करते रहें .............?
सुमित, बधाई और शुभकामनाएं. बहुत काव्यात्मक तस्वीरे खींच रहे हो.जारी रखो.एक बात याद आ रही है..पंडित जसराज ने रघु राय के बारे में कहा था कि जब मैं मंच से गा रहा होता था तो नीचे रघु कैमरे से ताल देते थे। तुम्हारी तस्वीरे तुम्हे उस मुकाम तक ले जाएं,यही दुआ है. गीताश्री
बहुत खूबसूरत है यह तस्वीर। लेंस से कविता कहने की कोशिश की है तुमने। बधाई!
ReplyDeletethanks sir
ReplyDeleteखूबसूरत तस्वीर
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteसत्य जी
ReplyDeleteयह मिथ्या तो नहीं
या नजरों का धोखा है
मिल गया वेलेंटाइन डे के दिन
आपको भी सत्य कहने का मौका है
समंदर की अथाह जलराशि हो, उबड़ -खाबड़, ऊँचे -नीचे पथरीले रास्ते हो य फिर विस्तृत अम्बर , मिथ्या भ्रम से दूर अडिग विश्वाश और अतुल साहस को फौलादी सीने में संसार सागर को सिर्फ और सिर्फ अकेले पार करने का जज्बा समेटे अहिस्ता -अहिस्ता तूफानों को चीरते आगे बढ़ने का सिलसिला जारी रखें और अपने जज्बातों को इन मूक,खामोश तस्वीरों से बयाँ करते रहें .............?
ReplyDeleteबधाई हो...
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत है यह तस्वीर। धन्यवाद|
ReplyDeletebahut khubsurat tasveer
ReplyDelete...
The line goes so well with the beautiful pic .
ReplyDeleteIts a pleasure to be your follower.
ReplyDeleteसुमित, बधाई और शुभकामनाएं. बहुत काव्यात्मक तस्वीरे खींच रहे हो.जारी रखो.एक बात याद आ रही है..पंडित जसराज ने रघु राय के बारे में कहा था कि जब मैं मंच से गा रहा होता था तो नीचे रघु कैमरे से ताल देते थे। तुम्हारी तस्वीरे तुम्हे उस मुकाम तक ले जाएं,यही दुआ है.
ReplyDeleteगीताश्री
mast hai ji aapke photo..harpreet
ReplyDeletethanks to all and geeta mam
ReplyDeleteकैमरे से कैद की गयी ये तस्वीर युं ज्युं कैनवास पर रंगों का करामात । बधाई दादा।
ReplyDeleteBrilliant work, Sumeet. Not only we, but the nation at large, should be proud of your breathtaking achievements in the field of photography.
ReplyDeletekya baat hai bhai tumhari photography mein
ReplyDeletelage raho
anand aa gayaa...aap kahan the itne dino tak???
ReplyDeleteI love how the photograph's framed..:)
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