Saturday, August 13, 2011

Arrival


गुनगुना रहे हैं भवरे....खिल रही कली कली


गली गली.....कली कली

2 comments:

  1. अच्छी चीजें यूं तो तारीफों की मोहताज नहीं होती सुमित बाबू! किन्तु तारीफ करना भी जरूरी है। अच्छा लेखन है। फुरसत में पूर्ण आनंद लूंगा। आपको बधाई, गुड लक।

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  2. और नुक्‍कड़ नुक्‍कड़ भी।

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