Sunday, February 20, 2011

My Waves

ओ मांझी रे..........
अपना किनारा ......नदिया की धारा है

10 comments:

  1. बहुत सुन्दर चित्रबधाई
    आशा

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  2. Panoramic! Beautiful

    Congratulations!

    I felt like I touched nature.....

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  3. ▬● सुमित ,,, तुम्हारे पास कौनसा कैमरा है......?
    अगर ये सारी फोटोज तुमने क्लिक की हैं तो वाकई बहुत आगे जाओगे मेरे दोस्त.......

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  4. बहुत सुन्दर चित्रबधाई

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  5. तस्वीर उतारने वाले से , लेख लिखने वाले से , कविताएँ रचने वाले से और शेर गढ़ने वाले से पढने वाला, समंझने वाला कई गुना श्रेठ होता है इसमें कोई संदेह नहीं ....
    आपने यह तस्वीर क्या सोच कर शूट की पता नहीं पर इस फ्रेम में संकलित सभी तत्वों को बेहद बारीकी से देखने और विचार करने के बाद मै यानी की ज्ञान त्रिपाठी इस मुकाम पर पहुचा हूँ की ............इस तस्वीर को इन अल्फाजों में बयां करना शायद उचित है पर हकीकत आप के हाँथ में हैं
    सांय सांय करती हुई घनघोर अँधेरी रात में संसार के समंदर में साँस कि नावं के साथ अक्ल कि पतवार ही काम आती है दुनिया अपरिमित जीव का खजाना है जहाँ घुप अँधेरा है एसे में ज्ञान की रौशनी के सहारे ही हर इन्सान को अपने भरोसे की नीव के दम पर ही इस मोंह के भवंर से ,चक्रवातों से ,भयावह ऊँची नीची उठती गिरती लहरों से टकरा कर मंजिल तक पहुंचना होता है ,एसा साहस चंद लोगों के पास ही होता हैं जो अपनी मंजिल को यानी की भगवान को ढूंढ़ लेते है यह नाविक भी अपनी मंजिल की तरफ अनवरत बगैर किसी के मदद के बढ़ता जा रहा है शायद संसार सागर को पार करने का अटूट जज्बा .........?

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  6. Simply Beautiful- can virtually feel the tranquility.
    Raymond Fernandes

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  7. bahut sunder bhavnayen vyakt ki hai apne

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